नोटबंदी के बाद से डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान का चलन बढ़ा है। पेट्रोल पम्पों से लेकर किराना दुकानों तक पर पॉइंट्स ऑफ सेल यानी पीओएस मशीनों के साथ ही टर्मिनल उपलब्ध हैं और कार्ड स्वैपिंग के जरिये भुगतान लिया जा रहा है। टर्मिनल खासतौर पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने में काम आते हैं|
इन मशीनों से भुगतान करते समय ग्राहक को अतिरिक्त सावधान रहना बहुत जरूरी है क्योंकि हो सकता है कि कार्ड स्वैप करते ही आपकी तमाम जानकारी चोरी कर ली जाए और आपको बड़ी चपत लग जाए। बड़ी संख्या में लोग इस तरह के अपराध का शिकार भी हो चुके हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि पीओएस मशीनों और टर्मिनल से भुगतान करते समय कौन-कौन सी सावधानियां बरतना चाहिए।
एक नजर इसी से जुड़ी अहम बातों पर -
- हाल ही में क्रेडिट कार्ड टर्मिनल बनाने वाली कंपनी Ingenico ने एक गाइडलाइन जारी की है। इसमें बताया गया है कि यदि टर्मिनल आकार में सामान्य से थोड़ा भी बड़ा नजर आए तो समझें कि गड़बड़ है।
- सामान्य टर्मिनल में कार्ड का कुछ हिस्सा बाहर नजर आता है, जबकि लगभग पूरा कार्ड की अंदर चला जाए तो समझें कि धोखाधड़ी की साजिश हो रही है।
- कार्ड स्वैप करते समय यदि टर्मिनल के बटन हाईलाइट नहीं हो रहे हैं तो भी सावधान रहने की जरूरत है|इसी तरह पीओएस मशीन से भुगतान करते समय सावधान रहें कि आपका कार्ड लेकर सेल्सपर्सन आपसे दूर जाए। हो सकता है कि वह आपसे नजर बचाकर कार्ड की डिटेल्स चोरी करने की कोशिश करे।
- ऐसी रिटेलर के यहां से शॉपिंग करें, जिनके यहां चिप-इनेबल्ड कार्ड रीडर्स हैं। यदि इसको अनिवार्य किया जाता है तो धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा।
-पीओएस मशीन से निकलने वाली ब्लैंक रिसिप्ट पर कभी साइन न करें। फिर भी किसी तरह की जानकारी चोरी की आशंका होती है तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें|
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