उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में नकारात्मक प्रचार के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को प्रचंड बहुमत मिला. पार्टी ने 403 सीटों में से 312 सीटों पर जीत हासिल कर साबित कर दिया कि 'काम जो बोला वह सुना नहीं गया'.इस चुनाव में आपको मोदी लहर दिखाई दी होगी.
प्रदेश के सियासी संग्राम में प्रधानमंत्री के उतरने से सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) भी हाशिए पर आ गई. राज्य निर्वाचन आयोग के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी 312 सीटों पर जीती. बीएसपी को 19, सपा को 47 सीटें व कांग्रेस को महज 7 सीटों पर जीत मिली है.
बीजेपी के सहयोगी दल भारतीय समाज पार्टी (भासपा) 4 सीटों पर और अपना दल (सोनेलाल) को 9 सीटों पर जीत मिली है. अजित सिंह के राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को मात्र एक सीट मिली. तीन निर्दलीय उम्मीदवार जीते, जबकि निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के खाते में भी एक सीट गई.
मायावती ने बीजेपी पर ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताई
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने बीजेपी पर ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताई. उन्हें अंदेशा है कि ईवीएम में गड़बड़ी के कारण दूसरी पार्टी का वोट भी बीजेपी के पक्ष में चला गया. वह हैरान हैं कि मुस्लिम बहुल इलाकों में भी बीजेपी कैसे जीत गई? उन्होंने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर इस चुनाव को रद्द कराकर बैलेट पेपर के जरिए दोबारा चुनाव कराने की मांग की है और मांग न सुनी जाने पर आंदोलन व अदालत की शरण लेने की चेतावनी दी.
अखिलेश ने किया मायावती का समर्थन, कहा- ईवीएम की जांच होनी चाहिए
मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मायावती का समर्थन करते हुए कहा कि अगर ईवीएम को लेकर सवाल उठे हैं तो इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह जनता के फैसले को स्वीकार करते हैं और उम्मीद करते हैं कि नई सरकार जनता की बेहतरी के लिए काम करेगी. मुख्यमंत्री ने अपना इस्तीफा राज्यपाल राम नाईक को सौंप दिया है.
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