आम की कोमल पत्तियां सबसे ज्यादा लाभप्रद होती है। इन पत्तियों में बहुत सारे विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इसमें मौजूद मंगिफेर्न नामक पदार्थ सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है
वेरीकोज वेन्स से निजात पाने के लिए आम की पत्तियों को पानी में उबालकर इसकी चाय बनाएं और इस चाय को पिएं। इसमें अमरूद, पपीता या आम कर रस मिलाकर भी पी सकते हैं।
उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए भी आम के पत्तों की चाय एवं इसके उबले हुए पानी से नहाना काफी फायदेमंद होता है।
अगर बार-बार हिचकियां आती हों, तो आम की पत्तियों को जलाकर इसका धुंआ लेना लाभकारी है। इसके अलावा आम की पत्तियों को उबालकर इससे गरारे करना भी फायदेमंद है।
डायबिटीज के रोगियों के लिए आम के सूखे पत्तों का पाउडर बेहद फायदेमंद होता है, पर ये पत्तियां छायां में सुखाई गई हों। इसके अलावा आम के पत्तों को रातभर पानी में भिगोकर इस पानी का सेवन भी लाभदायी है।
जले हुए स्थान पर आम के पत्तों की राख का इस्तेमाल घाव को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।
अस्थमा, मसूढ़ों में दर्द एवं पथरी के लिए भी आम की पत्तियां फायदेमंद है। इसके गरारो करना एवं इसकी राख को मसूढ़ों पर लगाने से आराम मिलता है।
वेरीकोज वेन्स से निजात पाने के लिए आम की पत्तियों को पानी में उबालकर इसकी चाय बनाएं और इस चाय को पिएं। इसमें अमरूद, पपीता या आम कर रस मिलाकर भी पी सकते हैं।
उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए भी आम के पत्तों की चाय एवं इसके उबले हुए पानी से नहाना काफी फायदेमंद होता है।
अगर बार-बार हिचकियां आती हों, तो आम की पत्तियों को जलाकर इसका धुंआ लेना लाभकारी है। इसके अलावा आम की पत्तियों को उबालकर इससे गरारे करना भी फायदेमंद है।
डायबिटीज के रोगियों के लिए आम के सूखे पत्तों का पाउडर बेहद फायदेमंद होता है, पर ये पत्तियां छायां में सुखाई गई हों। इसके अलावा आम के पत्तों को रातभर पानी में भिगोकर इस पानी का सेवन भी लाभदायी है।
जले हुए स्थान पर आम के पत्तों की राख का इस्तेमाल घाव को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।
अस्थमा, मसूढ़ों में दर्द एवं पथरी के लिए भी आम की पत्तियां फायदेमंद है। इसके गरारो करना एवं इसकी राख को मसूढ़ों पर लगाने से आराम मिलता है।
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